tag:blogger.com,1999:blog-3529090784800367340.post300159547201468503..comments2023-07-02T14:26:09.308+04:00Comments on अभिव्यक्ति अनुभूति: वर्षा-मंगल : एक पाठकीय समीक्षा // सौरभ पाण्डेय पूर्णिमा वर्मनhttp://www.blogger.com/profile/06102801846090336855noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-3529090784800367340.post-51874015743932748652014-08-12T22:20:47.995+04:002014-08-12T22:20:47.995+04:00’वर्षा-मंगल’ अंक में गीतॊं--नवगीतों पर मेरे भावोद्...’वर्षा-मंगल’ अंक में गीतॊं--नवगीतों पर मेरे भावोद्गार को अनुमोदित करने के लिए हार्दिक आभार, मधु शुक्ला जी..<br />सादर Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3529090784800367340.post-59212401773145163852014-08-08T21:32:06.370+04:002014-08-08T21:32:06.370+04:00 वर्षा मंगल विशेषांक की सारगर्भित व विश्लेषणात्मक... वर्षा मंगल विशेषांक की सारगर्भित व विश्लेषणात्मक समीक्षा सम्पूर्ण अंक को बहुत हीप्रभावी व आकर्षक ढंग से प्रस्तुत करने में सफल रही है। भावपूर्ण व सटीक समीक्षा के लिए आ. सौरभ जी को साधुवाद। एवं वर्षा विशेषांक के लिए पूर्णिमा जी को हार्दिक बधाई। Madhu Shuklahttps://www.blogger.com/profile/12085694390885881253noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3529090784800367340.post-89795328516344110432014-08-04T00:23:48.731+04:002014-08-04T00:23:48.731+04:00आदरणीय जगदीशभाईजी, आपका अनुमोदन बार-बार उत्साहित क...आदरणीय जगदीशभाईजी, आपका अनुमोदन बार-बार उत्साहित कर रहा है. प्रस्तुति पर आपकी प्रतीक्षा थी.<br />सादर धन्यवाद<br />Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3529090784800367340.post-35362346809980006912014-08-03T18:17:22.320+04:002014-08-03T18:17:22.320+04:00वर्षा विशेषांक के गीत अंक पर भाई सौरभ पाण्डेय द्वा...वर्षा विशेषांक के गीत अंक पर भाई सौरभ पाण्डेय द्वारा प्रस्तुत की गयी समीक्षा ,विशेषांक के गीतों को पढ़ने को बार-बार प्रेरित कर रही है। सारे गीतों के रस को निचोड़ कर प्रस्तुत कर दिया है सौरभ जी ने। जहाँ वर्षा मंगल विशेषांक में रचनाओं को समायोजित करते हुए पूर्णिमा जी ने अंक में प्रस्तुत किया हैं वहीँ सौरभ जी ने गागर में सागर भर दिया है। उत्कृष्ट वर्षा गीत विशेषांक के लिए पूर्णिमा जी को बहुत-बहुत बधाई तथा सारगर्भित समीक्षा के लिए सौरभ जी को शुभकामनायें। -जगदीश पंकज <br />जगदीश पंकजhttps://www.blogger.com/profile/10707282603931469979noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3529090784800367340.post-75519939427886582662014-07-30T00:47:20.663+04:002014-07-30T00:47:20.663+04:00आदरणीय अश्विनीजी, आपके अनुमोदन से रचना प्राण पा गय...आदरणीय अश्विनीजी, आपके अनुमोदन से रचना प्राण पा गयी. आप समझ सकते हैं मैं ऐसा क्यों कह रहा हूँ ! जी, आपकी रचना से ही भावोद्गार अभिव्यक्ति-सोपान पर अग्रसरित हुए हैं. <br />आपके मुखर अनुमोदन ने प्रयास के उत्साह को ऊर्जस्वी किया है, आदरणीय. <br />सादरSaurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3529090784800367340.post-48056083379415608242014-07-29T16:34:43.745+04:002014-07-29T16:34:43.745+04:00शब्द-शब्द पुनः-पुनः आवेशित होकर नई द्युति पा गया ह...शब्द-शब्द पुनः-पुनः आवेशित होकर नई द्युति पा गया हो जैसे ! भाव और अर्थ के बीच नाहक तनी दुरूहता की छतरियाँ उड़कर दूर जा गिरी हों और तन-मन खुलकर भीगने लगे हों रस की फुहारों में... बस यही अनुभूति हुई यह सुन्दर समीक्षण पढ़कर ! इतना सुन्दर कि रचनाकार पर भी अपनी कृति के अगम भेद उजागर होने लगें ! हार्दिक धन्यवाद सौरभ जी, संकलन को सार्थकता देते मंतव्य हेतु !ashwini kumar vishnuhttps://www.blogger.com/profile/09230520703715185203noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3529090784800367340.post-37057162548414998872014-07-28T17:51:21.999+04:002014-07-28T17:51:21.999+04:00हार्दिक धन्यवाद, भाई पवनजी.
आपके सुझाव के निहितार...हार्दिक धन्यवाद, भाई पवनजी. <br />आपके सुझाव के निहितार्थ को हृदयंगम कर पाया हूँ. <br />शुभ-शुभ<br />Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3529090784800367340.post-84307026101455621802014-07-28T17:49:23.137+04:002014-07-28T17:49:23.137+04:00आदरणीया कल्पनाजी, आपकी सार्थक प्रतिक्रिया के लिए ह...आदरणीया कल्पनाजी, आपकी सार्थक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद. <br />इस रपट/पाठकीय-समीक्षा में किसी रचनाकार पर कोई शब्द नहीं है, आदरणीया. अलबत्ता, संकलित रचनाओं के कथ्य की गरिमा के अनुरूप पाठकीय भावोद्गार हैं. वैसे भी, रचनाओं से ही तो रचनाकार होते हैं. <br />सादरSaurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3529090784800367340.post-53863983879376381002014-07-28T17:45:15.909+04:002014-07-28T17:45:15.909+04:00इस त्वरित टिप्पणी के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय ध...इस त्वरित टिप्पणी के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय धर्मेन्द्र भाईजी Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/01860891071653618058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3529090784800367340.post-7213251907139651362014-07-28T17:17:09.718+04:002014-07-28T17:17:09.718+04:00रचनाओं के भाव पक्ष को गहराई तक उतरकर प्रकृति के स...रचनाओं के भाव पक्ष को गहराई तक उतरकर प्रकृति के साथ एकाकार होकर शब्दबद्ध करना इतना सरल नहीं है। आदरणीय सौरभ जी ने बड़ी सुंदरता के साथ समीक्षा प्रस्तुत की है, इस तरह की समीक्षाएं निश्चित ही रचनाकारों के मनोबल में वृद्धि करती हैं, उनकी लेखनी को मन से नमन! कल्पना रामानीhttps://www.blogger.com/profile/17587173871439989311noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3529090784800367340.post-29709594731685514202014-07-28T14:05:30.578+04:002014-07-28T14:05:30.578+04:00जितना सुंदर 'वर्षा-मंगल' विशेषांक उस पर उत...जितना सुंदर 'वर्षा-मंगल' विशेषांक उस पर उतनी ही सुंदर और यथार्थ आ.श्री सौरभ पाण्डेय जी की समीक्षा,<br />अहा !<br />आनंद की अनुभूति असीम हो गयी है …<br />सभी रचनाकारों की रचनाएं बरसात के आयोजन को सफल बनाती हैं ।<br />इसी तरह की यथार्थ और सकारात्मक(?) समीक्षाएं रचनाकार को और बल देती हैं … हालांकि 'समीक्षा', "समीक्षा" की तरह ही हो तब बेहतर होता है । समीक्षा 'निष्पक्ष' और 'अति-वाहवाही रहित' हो ! <br />बहुत सुंदर<br />सादर, नमन __/\__ प्रणाम <br /><br />- पवन प्रताप सिंह 'पवन'<br />सौन्हर, नरवर (म.प्र.)Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/11452734622911491099noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3529090784800367340.post-51595222249670555652014-07-28T13:53:56.696+04:002014-07-28T13:53:56.696+04:00जितना सुंदर 'वर्षा-मंगल' विशेषांक उस पर उत...जितना सुंदर 'वर्षा-मंगल' विशेषांक उस पर उतनी ही सुंदर और यथार्थ आ.श्री सौरभ पाण्डेय जी की समीक्षा, अहा !<br />आनंद की अनुभूति असीम हो गयी है … सभी रचनाकारों की रचनाएं बरसात के आयोजन को सफल बनाती हैं ।<br />बहुत सुंदर <br /><br />- पवन प्रताप सिंह 'पवन'Pawan Singh Baishhttps://www.blogger.com/profile/04470596636979985631noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3529090784800367340.post-67063394353049192282014-07-28T13:29:11.291+04:002014-07-28T13:29:11.291+04:00बड़ी गहरी और विस्तृत समीक्षा की है सौरभ जी ने। उनको...बड़ी गहरी और विस्तृत समीक्षा की है सौरभ जी ने। उनको बहुत बहुत धन्यवाद।‘सज्जन’ धर्मेन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/02517720156886823390noreply@blogger.com