अभिव्यक्ति के २२ अगस्त २०११ के अंक में पढ़ें कादंबरी मेहरा की कहानी- जीटा जीत गया, मनोहर पुरी का व्यंग्य- हो के मजबूर मुझे उसने उठाया होगा, कुमार रवीन्द्र के साथ पर्यटन- यात्रा एक कलातीर्थ की, शेर सिंह का संस्मरण- धारा के विपरीत और प्रेम जनमेजय का आलेख- व्यंग्य का सही दृष्टिकोण- हरिशंकर परसाईं। इसके अतिरिक्त स्थायी स्तंभों में रसोईघर में पनीर टिक्का, अलका मिश्रा का आयुर्वेदिक सुझाव, घर परिवार में इला गौतम का अध्ययन शिशु का ३४वाँ सप्ताह और कंप्यूटर की कक्षा में नई जानकारी- साथ में- वर्ग पहेली, नवगीत की पाठशाला तथा कीर्तीश का कार्टून के नए तेवर।
अनुभूति के २२ अगस्त २०११ के अंक में पढ़ें- गीतों में- दिवाकर वर्मा, अंजुमन में- दिगंबर नसवा, छंदमुक्त में दिविक रमेश, मुक्तक में कुँअर प्रीतम और पुनर्पाठ में अजंता शर्मा
इसके साथ ही वेब पर पहली बार पाठकों के लिये विशेष उपहार -
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