अभिव्यक्ति के ४ जुलाई २०११ के अंक में पढ़ें जयनंदन की कहानी- पनसोखा, वीरेन्द्र जैन का व्यंग्य- पागलपन के पक्ष में, मनोज श्रीवास्तव का आलेख- प्रवासी हिंदी साहित्य में परंपरा, जड़ें और देशभक्ति, गुरमीत बेदी के साथ पर्यटन में- श्रद्धा और सौंदर्य का संगम मंडी और समाचारों में- देश-विदेश से साहित्यिक-सांस्कृतिक सूचनाएँ। इसके अतिरिक्त स्थायी स्तंभों में रसोईघर में शामी कवाब, अलका मिश्रा का आयुर्वेदिक सुझाव, घर परिवार में इला गौतम का अध्ययन शिशु का २७वाँ सप्ताह और कंप्यूटर की कक्षा में नई जानकारी- साथ में- वर्ग पहेली, नवगीत की पाठशाला तथा कीर्तीश का कार्टून के नए तेवर।
http://www.abhivyakti-hindi.org/1purane_ank/2011/07_04_11.html अनुभूति के ४ जुलाई २०११ के अंक में पढ़ें- गीतों में गीतों में- सुरेश कुमार पंडा, अंजुमन में- बसंत ठाकुर, छंदमुक्त में- नीहारिका झा पाण्डेय, दोहों में- गोपालबाबू शर्मा और पुनर्पाठ में- तरुण भटनागर।
http://www.anubhuti-hindi.org/1purane_ank/2011/07_04_11.html
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